मंगलवार, 7 जुलाई 2015

श्रद्धा

" ईश्वर तो दिखाई भी
नहीं देते …
विश्वास कैसे करूँ ?"

सटीक जवाब मिला …

"श्रद्धा वाई-फ़ाई
कि तरह होती है …

दिखती तो नहीं है …
पर सही पासवर्ड डालो
तो कनेक्ट हो जाते हो "

जीवन की चाल

" असल में वही..
     जीवन की चाल समझता है...!!

जो सफ़र की धूल को..
      गुलाल समझता है " !!

खुद को बिखरना पड़ता है

इतना आसान नहीं है,
जीवन का हर किरदार निभा पाना,

खुद को बिखरना पड़ता है,
रिश्तों को समेटने के लिए..
सुप्रभात...
आप का दीन शुभ रहे

सोमवार, 6 जुलाई 2015

रिस्तो का आधार प्रेम

रिस्तो का आधार प्रेम
होता है। जो रिश्ते धन,
बल, सम्पति और स्वार्थ
पर टिके होते हैं, वो
ज्यादा दिन नही
निभाये जा सकते।

ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तक़दीर भी

"ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तक़दीर भी !
फर्क तो रंगों का है...
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
और अनजाने रंगों से बने तो तक़दीर !!

रविवार, 5 जुलाई 2015

चंद ‎फासला‬ जरूर रखिए

चंद ‎फासला‬ जरूर रखिए
हर रिश्ते के दरमियान !!
क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें
चाहे जितना भुलाओ....!!
.एक "‪‎घाव‬"और
दूसरा "‪लगाव‬"...

न्यूटन 'ग्रेविटी'

एक सेब क्या गिरा और न्यूटन ने 'ग्रेविटी' कीखोजकर ली..
यहाँ इंसान हर रोज गिरता जा रहा है..
और कोई"इंसानियत" नहीं खोज पा रहा है.।

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!
अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जीत सकती..!
बिरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका..
ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो..एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है..! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से.. रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योंकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर
जरूर बना देते है.... !!...

तेज़ दीमाग

बहुत तेज़ दीमाग चाहिए..
गलतियाँ निकालने के लिए ।

लेकिन एक सुंदर दिल होना चाहिए..
गलतियाँ कबूल करने के लिए ।

      

जीवन की चादर में

"इस जीवन की चादर में,
सांसों के ताने बाने हैं,
दुख की थोड़ी सी सलवट है,
सुख के कुछ फूल सुहाने हैं,
क्यों सोचे आगे क्या होगा,
अब कल के कौन ठिकाने हैं,
ऊपर बैठा वो बाजीगर ,
जाने क्या मन में ठाने है,
चाहे जितना भी जतन करे,
भरने का दामन तारों से,
झोली में वो ही आएँगे,
जो तेरे नाम के दाने है...!!!"

शनिवार, 4 जुलाई 2015

पैर की मोच और छोटी सोच

पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।

टूटी कलम
और
औरो से जलन,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।

काम का आलस
और
पैसो का लालच,
हमें महान
बनने नहीं देता ।

अपना मजहब उंचा
और
गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।

दुनिया में सब चीज
      मिल जाती है,....
      केवल अपनी गलती
      नहीं मिलती.....

भगवान से वरदान माँगा
     कि दुश्मनों से
         पीछा छुड़वा दो,
            अचानक दोस्त
                कम हो गए...

" जितनी भीड़ ,
     बढ़ रही
       ज़माने में..।
         लोग उतनें ही,
           अकेले होते
             जा रहे हैं...।।।

इस दुनिया के
   लोग भी कितने
      अजीब है ना ;

          सारे खिलौने
             छोड़ कर
                जज़बातों से
                   खेलते हैं...

किनारे पर तैरने वाली
   लाश को देखकर
      ये समझ आया...
         बोझ शरीर का नही
            साँसों का था....

दोस्तो के साथ
   जीने का इक मौका
      दे दे ऐ खुदा...
         तेरे साथ तो
            हम मरने के बाद
              भी रह लेंगे....

“तारीख हज़ार
    साल में बस इतनी
       सी बदली है…
          तब दौर
             पत्थर का था
                अब लोग
                   पत्थर के हैं...

    स्वर्ग का सपना छोड़ दो,
    नर्क का डर छोड़ दो,
    कौन जाने क्या पाप ,
    क्या पुण्य,
    बस...
    किसी का दिल न दुखे
    अपने स्वार्थ के लिए,
    बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो

शुक्रवार, 3 जुलाई 2015

मोर पंख की कथा

मोर पंख की कथा
एक समय गोकुल में एक मोर रहता था
वह रोज़ जब कृष्ण भगवान आते और जाते तो उनके द्वार पर बैठा एक ही भजन गाता
"मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे
गोपाल सांवरिया मेरे
माँ बाप सांवरिया मेरे"
वो इस तरहा रोज़ यही गुनगुनाता रहता
एक दिन हो गया 2 दिन हो गये
इसी तरहा 1 साल व्यतीत हो गया
परन्तु कृष्ण ने एक ना सुनी
तब वहा से एक मैना उडती जा रही थी
उसने मोर को रोता हुआ देखा और अचम्भा किया
उसे मोर के रोने पर अचम्भा नही हुआ ,उसे ये देख के अचम्भा हुआ की क्रष्ण के दर पर कोई रो रहा है

वो मोर से बोली
मैना: हे मोर तू क्यों रोता हैं
तो मोर ने बताया की
मोर :पिछले एक साल से में इस छलिये को रिझा रहा हु परन्तु इसने आज तक मुझे पानी भी नही पिलाया

ये सुन मैना बोली
मैना: में बरसना से आई हु
तू भी वहा चल
और वो दोनों उड़ चले और उड़ते उड़ते बरसाने पहुच गये
जब मैना वहा पहुची तो उसने गाना शुरू किया
श्री राधे राधे राधे बरसाने वाली राधे
परन्तु मोर तो बरसाने में आकर भी यही दोहरा रहा था 
मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे
गोपाल सांवरिया मेरे
माँ बाप सांवरिया मेरे"
जब राधा ने ये सुना तो वो दोड़ी चली आई और मोर को गले लगा लिया
राधा: तू कहा से आया हैं
तो मोर ने बोला
मोर: जय हो राधा रानी आज तक सुना था की तू करुणामयी हो और आज साबित हो गया
राधा: वो कैसे
मोर: में पिछले 1 साल से श्याम नाम की बिन बजा रहा हु और उसने पानी भी नही पिलाया
राधा: ठीक हैं अब तुम गोकुल जाओ और यही रटो
जय राधे राधे राधे
बरसाने वाली राधे
मोर फिर गोकुल आता हैं और
गाता हैंजय राधे राधे....
जब कृष्ण ने ये सुना तो भागते हुए आये और बोले
कृष्ण : हे मोर तू कहा से आया हैं
मोर: वाह छलिये जब एक साल से तेरे नाम की बिन बजा रहा था तो पानी भी नही पूछा और जब आज party बदली तो भागता हुआ आगया
कृष्ण: अरे बातो में मत उलझा बात बता
मोर: में पिछले एक साल से तेरे द्वार पर यही गा रहा हु
मेरा कोई ना सहारा बिना तेरे
गोपाल सांवरिया मेरे
माँ बाप सांवरिया मेरे"
कृष्ण  : तूने  राधा का नाम लिया ये तेरा वरदान हैं
और मेने पानी नही पूछा ये मेरे लिए श्राप हैं
इसलिए जब तक ये स्रष्टि रहेगी तेरा पंख सदेव मेरे शीश पर विराजमान होगा
और जो राधा का नाम लेगा वो भी मेरे शीश पर रहेगा
जय हो मोर मुकुट बंशी वाले की

   राधे राधे

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

परिवार में

卐  सच्चा परिवार  卐

•"परिवार में"- कायदा नही परन्तु व्यवस्था होती है।
•"परिवार में"- सूचना नहीं परन्तु समझ होती है।
•"परिवार में"- कानून नहीं परन्तु अनुशासन होता है।
•"परिवार मे"- भय नहीं परन्तु भरोसा होता है।
• "परिवार मे"- शोषण नहीं परन्तु पोषण होता है।
•"परिवार मे"- आग्रह नही परन्तु आदर होता है।
•"परिवार मे"- सम्पर्क नही परन्तु सम्बन्ध होता है ।
•"परिवार मे"- अर्पण नही परन्तु समर्पण होता है।
      वही सच्चा परिवार होता है।।

बुधवार, 1 जुलाई 2015

दोस्त और भाई में क्या फर्क है ?

किसी ने  ईश्वर से पुछा ?
दोस्त और भाई में क्या फर्क है ?
ईश्वर ने फरमाया
“भाई सोना है और दोस्त हीरा है”
उस आदमी ने कहा
“आप ने भाई को कम  कीमत और दोस्त को कीमती
चीज़ से क्यू नवाज़ा "?
तो ईश्वर ने फरमाया
“सोनेमें दरार आ जाये तो उस को पिघला कर बिलकुल पहले जैसा बनाया जा सकता है.
     जब की हीरे में एक दरार आ जाये तो वो कभी भी
पहले जैसा नही बन सकता।

तेरा तुझ को अर्पण

एक बार एक अजनबी किसी के घर गया।
वह अंदर
गया और मेहमान कक्ष मे बैठ गया।
वह खाली हाथ
आया था तो उसने सोचा कि कुछ उपहार देना अच्छा रहेगा।
तो
उसने वहा टंगी एक पेन्टिंग उतारी और जब घर का मालिक
आया,
उसने पेन्टिंग देते हुए कहा, यह मै आपके लिए
लाया हुँ।
घर का मालिक, जिसे पता था कि यह मेरी चीज
मुझे ही भेंट दे रहा है, सन्न रह गया !!!!!

अब आप ही बताएं कि क्या वह भेंट पा कर, जो कि पहले
से ही उसका है, उस आदमी को खुश होना चाहिए ??

मेरे ख्याल से नहीं....
लेकिन यही चीज हम भगवान के साथ भी करते है।
हम
उन्हे रूपया, पैसा चढाते है और हर चीज जो उनकी ही बनाई
है, उन्हें भेंट करते हैं!
लेकिन
मन मे भाव रखते है की ये चीज मै भगवान को दे रहा हूँ!
और सोचते हैं कि ईश्वर खुश हो जाएगें।
मूर्ख है हम!
हम यह नहीं समझते कि उनको इन सब चीजो कि जरुरत
नही।
अगर आप सच मे उन्हे कुछ देना चाहते हैं
तो अपनी श्रद्धा दीजिए,
उन्हे अपने हर एक श्वास मे याद
कीजिये और
विश्वास मानिए प्रभु जरुर खुश होगा !!

अजब हैरान हूँ भगवन
तुझे कैसे रिझाऊं मैं;
कोई वस्तु नहीं ऐसी
जिसे तुझ पर चढाऊं मैं ।

भगवान ने जवाब दिया :" संसार की हर वस्तु तुझे मैनें दी है।
तेरे पास अपनी चीज सिर्फ तेरा अहंकार है, जो मैनें नहीं दिया ।

उसी को तूं मेरे अर्पण कर दे। तेरा जीवन सफल हो जाएगा

रविवार, 28 जून 2015

सोच अच्छी रखो

लोहे को कोई नष्ट नहीं  कर सकता बस उसका जंग..... उसे नष्ट करता है,

इसी तरह आदमी को भी कोई और नहीं बल्कि उसकी सोच..... ही नष्ट कर सकती है!!

सोच अच्छी रखो,
निश्चित अच्छा ...... ही होगा !!

हे स्वार्थ तेरा शुक्रिया.

हे स्वार्थ
तेरा शुक्रिया...

एक तू ही है.
जिसने लोगो को आपस में जोड़ कर रख रखा है...

जीवन क्या है ?

जीवन क्या है ?

व्हाट्सअप
और
फेसबुक से
बचा हुआ
वक़्त !!

कागज का टुकड़ा

"एक कागज का टुकड़ा
            गवर्नर के हस्ताक्षर से
               नोट बन जाता है,
       जिसे तोड़ने, मरोडने,
           गंदा होने एवँ जज॔र होने से भी
             उसकी कीमत कम नहीं होती...
       आप भी ईश्वर के हस्ताक्षर है,
           जब तक आप ना चाहे
              आपकी कीमत कम नहीं
                 हो सकती,
      आप अनमोल है ,
           अपनी कीमत पहचानिये.

स्वर्ग में सब कुछ

स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान में सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं

Kisi ne kya khoob kaha hai :

ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यु हर रोज कमाने जाता हू....

पैर की मोच और छोटी सोच

पैर की मोच
   और
      छोटी सोच,
          हमें आगे
               बढ़ने नहीं देती ।  

टूटी कलम
   और
      औरो से जलन,
         खुद का भाग्य
              लिखने नहीं देती ।

काम का आलस
   और
      पैसो का लालच,
         हमें महान
             बनने नहीं देता ।

अपना मजहब उंचा
  और
     गैरो का ओछा,
       ये सोच हमें इन्सान
          बनने नहीं देती ।

दुनिया में सब चीज
    मिल जाती है,....
        केवल अपनी गलती
           नहीं मिलती.....

भगवान से वरदान माँगा
     कि दुश्मनों से
         पीछा छुड़वा दो,
            अचानक दोस्त
                कम हो गए...

" जितनी भीड़ ,
     बढ़ रही
       ज़माने में..।
         लोग उतनें ही,
           अकेले होते
             जा रहे हैं...।।।

इस दुनिया के
   लोग भी कितने
      अजीब है ना ;

          सारे खिलौने
             छोड़ कर
                जज़बातों से
                   खेलते हैं...

किनारे पर तैरने वाली
   लाश को देखकर
      ये समझ आया...
         बोझ शरीर का नही
            साँसों का था....

दोस्तो के साथ
   जीने का इक मौका
      दे दे ऐ खुदा...
         तेरे साथ तो
            हम मरने के बाद
              भी रह लेंगे....

“तारीख हज़ार
    साल में बस इतनी
       सी बदली है…
          तब दौर
             पत्थर का था
                अब लोग
                   पत्थर के हैं..."

हम वक्त और
   हालात के
      साथ 'शौक'
         बदलते हैं,,
            दोस्त नही .

MOTIVATIONAL TIP

MOTIVATIONAL TIP : When we develop the ability to listen to negative comments without losing temper or confidence, it means now we are become matured & truly Educated..!!
"जब हम अपने अंदर बिना गुस्सा हुए और बिना साहस खोये नकारात्मक टिप्पणी सुनने की क्षमता का विकास कर लेते हैं , इसका मतलब है कि हम परिपक्व और सही मायने में शिक्षित हो रहे हैं।"

शुक्रवार, 26 जून 2015

हिचकियाँ भी नहीं आती..!

बोल मीठे ना हों तो
हिचकियाँ भी
नहीं आती..!
कीमती मोबाईलो पर,
अक़्सर घन्टियां भी
नहीं आती..!

घर बड़ा हो या छोटा,
ग़र मिठास ना हो तो
इंसान क्या,चींटियां
भी नहीं आती..!

आशाएं ऐसी हो जो-

आशाएं ऐसी हो जो-
    मंज़िल  तक ले जाएँ,
           मंज़िल  ऐसी हो जो-
          जीवन जीना सीखा दे,
    जीवन ऐसा हो जो-
   संबंधों की कदर करे,
      और संबंध ऐसे हो जो-
  याद करने को मजबूर करदे ।
     
        

गुरुवार, 25 जून 2015

समय पाय फल होत है


समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय।
सदा रहे नहिं एक सी, का रहिम  पछिताय।।
भावार्थ
रहीम कहते हैं कि जिस तरह वृक्ष पर समय आने पर ही फल आते है तथा नियत समय पर ही उनका फिर से झङना भी शुरू हो जाता है ठीक उसी प्रकार
जीवन में सुख और दुख रूपी उतार चढ़ाव भी आते रहते हैं अत़ः क्या पछताना क्यों कि समय सदैव एक सा नहीं रहता

सर्वश्रेष्ठ जीवन योग...

:::: खूबसूरत प्राणायाम ::::

अपने भविष्य को
पूरी शक्ति से अपने भीतर खींचे...

अपने वर्तमान को
अपनी क्षमता अनुसार रोक कर रखें...

अपने भूतकाल को
पूरी ताकत से बाहर निकाल दें...

यही है सर्वश्रेष्ठ जीवन योग...

बुधवार, 24 जून 2015

अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल

    --:: कुदरत का सबसे बडा सच ::--

यदि आप फूलों पर सो रहे हैं
        तो ये आपकी पहली रात है l

और यदि फूल आप पर सो रहे
        है तो ये आपकी आखिरी रात है l

(अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल)

मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद
        किया जाता है l

और मोमबत्ती बुझाकर जन्म
        दिन मनाया जाता है l

(कैसी विडम्बना है हमारे देश की)

फूलन देवी डाकू होकर भी
        चुनाव जीत गई थी l

और किरन बेदी पुलिस वाली
        होकर भी हार गई l

(किस्मत के खेल निराले मेरे भैया)

कितनी अजीब दुनिया हैं, जहाँ औरतें ‘दूसरी औरतों
की शिकायते करते नहीं थकती,

जबकि पुरूष ‘दूसरी औरतों’ की तारीफ करते नहीँ
थकते !!!

पुरुष सच में महान हैं !!

हमने 5 औरतों को डव लगाया और 5 आदमियों को बियर पिलायी .. ….

आदमियों के चेहरे पर ज्यादा रंगत थी|

5 चीजें जो खत्म होने पे बहुत तकलीफ देते हैं

1. दोस्ती
2. पैसा
3. प्यार
4. रविवार और
5. इंटरनेट पेक

लास्ट वाला तो रुला ही देता है…

ग़र मिठास ना हों तो.

बोल मीठे ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती
कीमती मोबाईलो पर, घन्टियां भी नहीं आती,
घर बड़ा हो या छोटा ,
ग़र मिठास ना होंतो...
इंसान क्या , चींटियां भी नहीं आती।

गर बदले नहीँ विचार

गंगा में डुबकी लगाकर,तीर्थ किए हज़ार।
इनसे क्या होगा,अगर बदले नहीँ विचार।

"इस दुनियाँ के हर शख्स को नफरत है "झूठ" से...

मैं परेशान हूँ ये सोचकर, कि फिर ये "झूठ" बोलता कौन है"।

"निंदा "तो उसी की होती है
जो"जिंदा" है।
मरे हुए कि तो बस तारीफ ही होती हैं।

महसूस जब हुआ कि सारा शहर,
मुझसे जलने लगा है,
तब समझ आ गया कि अपना नाम भी,
चलने लगा है”…

सदा उनके कर्जदार रहिये जो आपके लिए कभी खुद का वक्त नहीं देखता है,
और
सदा उनसे वफ़ादार रहिये जो व्यस्त होने के बावजूद भी आपके लिए वक़्त निकालता है।

मोक्ष  का  एक  ही  मार्ग  है।
         और  वह  बिल्कुल  सीधा  ही  है।
            अब
मुशकिल   उन्हें  होती  है।
       जिनकी  चाल  ही  टेड़ी  है।

हम जब दिन की शुरुआत करते है,
तब लगता है की, पैसा ही जीवन है ..
लेकिन, जब शाम को लौट कर घर आते है,
तब लगता है, शान्ति ही जीवन है ।

फलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते है ,
सुखा पेड़ और मुर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते ।

कदर किरदार की होती है… वरना…
कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है.......

पानी मर्यादा तोड़े तो "विनाश"
                          "और"
         वाणी मर्यादा तोड़े तो "सर्वनाश"

इसलिए हमेशा अपनी वाणी पर संयम रखो।
लोकहित

हजारों मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे

सूना है हजारों मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे हैं तेरे
शहर में
!
इन्सान फुटपाथ पर सोते हैं ये नजारे हैं तेरे शहर मे !!!

मंगलवार, 23 जून 2015

मुट्ठी

हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब हैं
कमबख्त मुट्ठी में हैं पर काबू में नहीं।

नकाब

सीख ले ए दिल आँखों में छुपे राज़ पढ़ने का हुनर ..!! यंहा हर शख्स अब नकाब चढ़ाए बैठा है ..!!

सोमवार, 22 जून 2015

जीवन मंत्र 

जीवन मंत्र 
१) धीरे बोलिये    शांति मिलेगी
२) अहम छोडिये  बड़े बनेंगे
३) भक्ति कीजिए    मुक्ति मिलेगी
४) विचार कीजिए  ज्ञान मिलेगा
५) सेवा कीजिए    शक्ति मिलेगी
६) सहन कीजिए   देवत्व मिलेगा
७) संतोषी बनिए    सुख मिलेगा.                                                                                     "इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें और इतना बडा मन रखिए कि जब आप खडे हो जाऐं तो कोई बैठा न रह सके"

बेडा गर्क!!!!

एक भक्त ने  गुरुदेव से पूछा कि
"जब मृत्यु सभी की होनी है ।
तो हम साधना, सेवा और त्याग क्यों करे ?
जो इंसान मौज मस्ती करता है
मृत्यु तो उसकी भी होगी !"

गुरुदेव  ने बहुत ही सुन्दर जवाब दिया
"बिल्ली जब चूहे को पकड़ती है तो दांतो से पकड़कर उसे मार कर खा जाती है । लेकिन उन्ही दांतो से जब अपने बच्चे को पकड़ती है तो उसे मारती नहीं बहुत ही नाजुक तरीके से एक जगह से दूसरी जगह पंहुचा देती है दांत भी वही है मुह भी वही है पर परिणाम अलग अलग । ठीक उसी प्रकार मृत्यु भी सभी की होगी पर एक प्रभु के याद में । और दूसरा व्यर्थ के झमेले में ।"

!! प्रभु की याद से मिले स्वर्ग !!!!
!! व्यर्थ के झमेले करे बेडा गर्क!!!!

रविवार, 21 जून 2015

विश्व योग दिवस कविता


विश्व योग दिवस

     
स्नान तन को
        ध्यान मन को
        दान धन को
        योग जीवन को
        प्रार्थना आत्मा को
        व्रत स्वास्थ को
        क्षमा रिश्तो को
        ओर
        परोपकार किस्मत को
        शुद्ध कर देता है ।

शनिवार, 20 जून 2015

सदा सदा

सदा न संग सहेलीयां, सदा न राजा देश !
सदा न जुग मे जीवणा , सदा न काला केश !!
सदा न फूले केतकी , सदा न सावण होय !
सदा न विपदा रह सके , सदा न सुख भी कोय !!
सदा न मौज बसंत री, सदा न ग्रिष्म भांण !
सदा न जोबन थिर रहे, सदा न संपत मांण !!
सदा न कांह की रही , गल प्रितम के बांह !
ढलतां ढलतां ढल गई , तरवर की सी छांह !!

शुक्रवार, 19 जून 2015

ग़लतियों  को नज़रअंदाज़ किया

यदि हर कोई आप से खुश है
   तो ये निश्चित है कि आपने जीवन
      में बहुत से समझौते किये हैं...
                     और
          यदि आप सबसे खुश हैं
   तो ये निश्चित है कि आपने लोगों
          की बहुत सी ग़लतियों
        को नज़रअंदाज़ किया है.

मंगलवार, 16 जून 2015

कबीर दास जी के प्रमुख दोहे

कबीर दास जी के प्रमुख दोहे

कबीर' माया पापणी, फंध ले बैठी हाटि ।
सब जग तौ फंधै पड्या,गया कबीरा काटि ॥1॥

भावार्थ - यह पापिन माया फन्दा लेकर फँसाने को बाजार में आ बैठी है । बहुत सारों पर फंन्दा डाल दिया है इसने ।पर कबीर उसे काटकर साफ बाहर निकल आया हरि भक्त पर फंन्दा डालनेवाली माया खुद ही फँस जाती है, और वह सहज ही उसे काट कर निकल आता है ।]

`कबीर' माया मोहनी, जैसी मीठी खांड ।
सतगुरु की कृपा भई, नहीं तौ करती भांड ॥2॥

भावार्थ - कबीर कहते हैं -यह मोहिनी माया शक्कर-सी स्वाद में मीठी लगती है, मुझ पर भी यह मोहिनी डाल देती पर न डाल सकी । सतगुरु की कृपा ने बचा लिया, नहीं तो यह मुझे भांड़ बना-कर छोड़ती । जहाँ-तहाँ चाहे जिसकी चाटुकारी मैं करता फिरता ।

माया मुई न मन मुवा, मरि-मरि गया सरीर ।
आसा त्रिष्णां ना मुई, यों कहि गया `कबीर' ॥3॥

भावार्थ - कबीर कहते हैं --न तो यह माया मरी और न मन ही मरा, शरीर ही बार-बार गिरते चले गये ।मैं हाथ उठाकर कहता हूँ । न तो आशा का अंत हुआ और न तृष्णा का ही ।

`कबीर' सो धन संचिये, जो आगैं कूं होइ ।
सीस चढ़ावें पोटली, ले जात न देख्या कोइ ॥4॥

भावार्थ - कबीर कहते हैं,--उसी धन का संचय करो न, जो आगे काम दे । तुम्हारे इस धन में क्या रखा है ? गठरी सिर पर रखकर किसी को भी आजतक ले जाते नहीं देखा ।

त्रिसणा सींची ना बुझै, दिन दिन बधती जाइ ।
जवासा के रूष ज्यूं, घण मेहां कुमिलाइ ॥5॥

भावार्थ - कैसी आग है यह तृष्णा की !ज्यौं-ज्यौं इसपर पानी डालो, बढ़ती ही जाती है ।
जवासे का पौधा भारी वर्षा होने पर भी कुम्हला तो जाता है, पर मरता नहीं, फिर हरा हो जाता है ।

कबीर जग की को कहै, भौजलि, बुड़ै दास ।
पारब्रह्म पति छाँड़ि करि, करैं मानि की आस ॥6॥

भावार्थ - कबीर कहते हैं-- दुनिया के लोगों की बात कौन कहे, भगवान के भक्त भी भवसागर में डूब जाते हैं । इसीलिए परब्रह्म स्वामी को छोड़कर वे दूसरों से मान-सम्मान पाने की आशा करते हैं।

राजा भोज ने कवि कालीदास से दस  सर्वश्रेष्ट सवाल किए

राजा भोज ने कवि कालीदास से दस
        सर्वश्रेष्ट सवाल किए
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ
            रचना क्या है?
             उत्तर- ''मां''
     2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है?
     उत्तर- "कपास का फूल"
     3- सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है
    वर्षा से भीगी मिट्टी की
                       सुगंध ।
       4-सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी
                  - "वाणी की"
                5- सर्वश्रेष्ठ दूध-
                  "मां का"
         6- सबसे से काला क्या है
                  "कलंक"
             7- सबसे भारी क्या है
                     "पाप"
            8- सबसे सस्ता क्या है
                    "सलाह"
              9- सबसे महंगा क्या है
                     "सहयोग"
              10-सबसे कडवा क्या है
               ऊत्तर- "सत्य"

Life beautiful

"Life will become much more beautiful when we finaly understand
which hand is just  to shake and which one is to hold"...

शिव स्तवन

शिव स्तवन
दोहा
शंकर अभयंकर सुखद, प्रलयंकर परमेश।
गिरजावर कैलासघर, हिमगिरि रहण हमेश॥
छंद :त्रिभंगी
वसतौ गिरि हिम पर,अर गिरिजावर,तन बाघांबर , है धारी।
गळ राखत विषधर, भाल चंद्रधर,जटा गंगधर , त्रिपुरारी।
मन धरत उमंगधर जिणनै मुनिवर,देव दिगंबर, महादेवम्।
जय जय शिवशंकर, हे प्रलयंकर, सुंदर सुखकर, सत्य शिवम्॥1॥
नाचत नटराजम्, नवरस राजम् ,धूंधर बाजम्, छम छम छम।
जाणक घन गाजम्, झांझ पखाजम्, अजब अवाजम्, मिरदंगम्।
संग भूत समाजम्,वृषभ विराजम् गिरजाराजम् चितहरणम्।
जय जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर, सुंदर सुखकर सत्य शिवम्॥2
शमशान रहावै,धूनि धखावै, जोग जगावै, नित प्रत हर।
डक डाक बजावै,भूत नचावै,  राख रमावै निज तन पर।
अठ सिध घर आवै, नव निधि पावै, जो जश गावै, पिता परम्।
जय जय शिव शंकर हे प्रलयंकर सुंदर सुख कर सत्य शिवम्॥3
हे वासी काशी, वेस सन्यासी, अज अविनाशी, सुख राशी।
सरिता-तट- वासी, गिरि आवासी ,अरक उजासी , मित भाषी।
काटै जम फांसी, विपद विनाशी,नव निधि दासी, निरमलतम्।
जय जय शिव शंकर हे प्रलयंकर सुंदर सुखकर सत्य शिवम्॥4
माळा उतबंगा,कंठ भूजंगा,नंग धडंगा, सिर गंगा।
शगति अरधंगा, पीवण भंगा,
हणण अनंगा, बिन खंगा।
उर भरण उमंगा,लहर तरंगा, मो मन रंगा, तव चरणम्।
जय जय शिव शंकर हे प्रलयंकर सुंदर सुखकर सत्य शिवम्॥5।
जय जय विषपायी, जन सुखदायी, मन सरलाई, महिमायी।
वांछित वर दाई, रहौ सहाई , पडतौ पाई, शरणाई।
कविजन कविताई,  जिण बिरदाई, यश अधिकाई, उण वधियम्
जय जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर,  सुंदर सुखकर सत्य शिवम्॥6
कर धरण पिनाकम्, हाकं बाकम्, डम्म डमाकम्, डं डाकम्।
तौ सेव सदाकम्,वांछित पाकम्,सिर पर जाकम्, पति राकम्।
धरणि पर धाकम्, आप अथाकम्, धर फरसाकम्, पी गरलम्।
जय जय शिव शंकर,  हे प्रलयंकर, सुंदर सुखकर सत्य शिवम्॥7
दाहक पति रत्ती, जोगी जत्ती,संग शगत्ती, पारवती।
कर कविता कत्थी, जिम सुरसत्ती, दयी उकत्ती, आप  प्रती।
सुत नरपत वृत्ति, रहत चरण रति , औ ज विनत्ती, रख शरणम्।
जय जय शिव शंकर, हे प्रलयंकर, सुंदर सुख कर, सत्य शिवम्॥8
छप्पय
महादेव मदनान्त,पिनाकी जटी परसुधर।
धुर्जट धारण गंग, अंग भसमंग धरण हर।
त्र्यंबक अंब अरधंग, दिगंबर देव अघोरी।
कापालिक करुणेश,पति गिरि राज किशोरी।
नित नरपत नें निज जाण शिशु,  स्नेह सरित सरसावजो।
शिव आप तणौ शरणौ गह्यौ, दया द्रष्टि दरसावजो॥

नरपत आवड दान आशिया"वैतालिक"कृत