शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

ऊंचे कुल का जनमिया


ऊंचे कुल का जनमिया,  करणी ऊंच न होइ।
सुबरण कलश सुरा भरा, साधु निंदा सोई।।
भावार्थ
कोई चाहे कितने ही उच्च कुल  में जन्म ले यदि उसके कर्म व्यवहार आदर्श निम्न हैं तो संसार उसकी निंदा ही करता है जिस प्रकार कलश चाहे सोने का ही क्यों न हो यदि उसमें शराब भरी हुई है तो सज्जन लोग उसे अच्छा नहीं कहते हैं

11 टिप्‍पणियां:

  1. क्या अच्छे कर्मों का फल हमेशा अच्छा ही मिलता है मुझे बताएं

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  2. ऊंचे कुल का जनमिया जे करनी ऊंचे न होई what is the meaning of this sentence in simple Hindi



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