रविवार, 31 मई 2015

जाल पङे जल जात बहि


जाल पङे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।                   रहिमन मछली नीर को, ताउ न छो़ङति छोह।।

भावार्थ
रहीम कहते है कि जब जल में जाल पङता है तो जल मछली का मोह न रख कर आगे बढ जाता है किंतु मछली कभी भी जल का मोह नहीं छोड़ती वहीं बनी रहती है रहीम कहते हैं कि सज्जन व्यक्ति का भी स्वभाव 
कुछ ऐसा ही होता है वह किसी भी परिस्थिति में साथ नहीं छोड़ता है

शनिवार, 30 मई 2015

सच

सच सुनने से न जाने क्यों कतराते है
लोग, .
तारीफ चाहे झूठी हो सुनकर खूब मुस्कुराते है
लोग...

"समय", "सेहत" और "सम्बन्ध"

"समय", "सेहत" और "सम्बन्ध"
इन तीनों पर कीमत का लेबल
नहीं लगा होता है ..
लेकिन ...
जब हम इन्हें खो देते हैं तब इनकी कीमत का अहसास होता है...!!!

To get to where, we have never been before.

We must be willing to do something, we have never done before,

To get to where, we have never been before.

यदि हमें वहाँ पंहुचना है जहाँ हम अभी तक नहीं पंहुचे हैं

तो हमें वो करना होगा जो हमने अभी तक नहीं किया है।

शुभ दिन हो...

दान छूपाकर दो .

दान छपाकर नहीं,
        दान छूपाकर दो .
ढ़ोंग का जीवन नहीं,
         ढ़ंग का जीवन जीओ.
सत्य शांत होता है,
       असत्य शोर मचाता है.
अंतःकरण भगवान की,
         बनायी अदालत है.
बातों के बादशहा नहीं,
    आचरण के आचार्य बनों.

गुरुवार, 28 मई 2015

क्रोध का पूरा खानदान है..

क्या आपको पता है....
      क्रोध का पूरा खानदान है..

क्रोध की एक लाडली बहन है
             II ज़िद ॥

         क्रोध की पत्नी है
             ॥ हिंसा II

      क्रोध का बडा भाई है
            ॥ अंहकार ॥

क्रोध का बाप जिससे वह डरता है
                ॥ भय ॥

          क्रोध की बेटिया हैं
        ॥ निंदा और चुगली ॥

           क्रोध का बेटा है
                ॥ बैर ॥

  इस खानदान की नकचडी बहू है
                 ॥ ईर्ष्या॥

             क्रोध की पोती है
                 ॥ घृणा ॥

               क्रोध की मां है
                ॥ उपेक्षा ॥

         और क्रोध का दादा है                       
                 ।। द्वेष ।।
  
    तो इस खानदान से हमेशा
  दूर रहें और हमेशा खुश रहो।
इस मेसज को आगे भेजकर सबको  
इस खानदान के बारे जानकारी दे।
             

काया इंसान की सोना है

सोने में जब जड़ कर हीरा,
आभूषण बन जाता है,
वह आभूषण फिर सोने का नही,
हीरे का कहलाता है ।
"काया इंसान की सोना है,
और कर्म हीरा कहलाता है,
कर्मो के निखार से ही,
मूल्य सोने का बढ़ जाता है.।

"कल का दिन किसने देखा है, आज का दिन हम खोएँ क्यों,
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं, उन घड़ियों में रोएँ क्यों.?"

     

मंगलवार, 26 मई 2015

सौ हाथ से कमाओ

वेद में बताया है कि -सौ हाथ से कमाओ। और थोडा थोडा हजारों हाथ तक पहुंचाओ भी , अर्थात योग्य पात्रों को दान भी दो । परन्तु लोग इन दो में से एक ही बात पढते हैं, दूसरी नहीं ।
धन से मनुष्य का मूल्य अधिक है। लोगों ने भयंकर भूल कर रखी है कि मनुष्य के जीवन निर्माण पर कम बल लगाते हैं और धन कमाने पर अधिक । जिस भूल का परिणाम भी प्रत्यक्ष भोग रहे हैं। अब भी समय है, संभल जाओ। अन्यथा बहुत पछताना पडेगा ।
बिना स्वयं परिश्रम किए बना बनाया धन मिल जाए, तो प्रायः वह बुद्धि को बिगाडता ही है । कोई पूर्व जन्म का संस्कारी व्यक्ति ही इस दोष से बच पाता है ।  इसलिए बच्चों को संस्कार अधिक देवें, धन नहीं -----

कसोटी में गंगा रखो

कसोटी में गंगा रखो
शरीर को चंगा रखो
दिमाग़ को ठंडा रखो
जेब को गरम रखो
आँखों में शरम रखो
जुबान को नरम रखो
दिल में रहम रखो
क्रोध पर लगाम रखो
व्यवहार को साफ़ रखो
होटो पर मुस्कुराहट रखो
फिर स्वर्ग मे जाने की
क्या जरूरत, यहीं स्वर्ग है
स्वस्थ रहो......व्यस्त रहो.
....... मस्त रहो.....!!!

सोमवार, 25 मई 2015

ॐ का उच्चारण

गायत्री मंत्र कब ज़रूरी है
सुबह उठते वक़्त 8 बार अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!

भोजन के समय 1 बार अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए !!

�� बाहर जाते समय 3 बार समृद्धि सफलता और सिद्धि के लिए !!

मन्दिर में 12 बार
प्रभु के गुणों को याद करने के लिए !!

छींक आए तब गायत्री मंत्र उच्चारण 1 बार अमंगल दूर करने के लिए !!

सोते समय 7 बार सात प्रकार के भय दूर करने के लिए !!

कृपया सभी बन्धुओं को प्रेषित करें !!!ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
"अ" का अर्थ है उत्पन्न होना,

"उ" का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,

"म" का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।

ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।

ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।

जानीए

ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक
और
अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग...

1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्‍चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।

3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।

4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।

5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।

6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।

7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।

8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।

9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।

10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्‍द का उच्‍चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।

आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है
पहला सुख निरोगी काया.

शनिवार, 23 मई 2015

प्रशंसा और चापलूसी में अंतर

प्रशंसा और चापलूसी में वही अंतर हैं जो अमृत और विष में ।
प्रशंसा से व्यक्ति को प्रोत्साहन मिलता हैं वह उत्कृष् की और बढ़ने लगता है जबकि चापलूसी व्यक्ति में मिथ्याभिमान जगती है । वह उसे पतन के गर्त में धकेल देती है । टॉल्सटॉय ने कहा की कोई भी चापलूसी इसलिए करता है क्योकि वह खुद को अयोग्य समझता है । आप अपनी प्रसंशा सुन कर फुले नही समाते । यही इंसान की कमजोरी है ।

रुक्मणी और श्री कृष्ण

एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।दूध ज्यदा गरम होने के कारण
श्री कृष्ण के हृदय में लगा और उनके श्रीमुख से निकला हे राधे !

सुनते ही रुक्मणी बोली प्रभु! ऐसा क्या है राधा जी में ,जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है।मैं भी तो आपसे अपार प्रेम करती हूँ;  फिर भी आप हमें नहीं पुकारते।

श्री कृष्ण ने कहा -देवी!आप।कभी राधा से मिली हैं ?और मंद मंद मुस्काने लगे।

अगले दिन रुक्मणी राधाजी से मिलने उनके महल में पहुंची ।राधाजी के कक्ष के बाहर अत्यंत खूबसूरत स्त्री को देखा और उनके मुख पर तेज होने कारण उसने सोचा कि ये ही राधाजी है और उनके चरण छुने लगी; तभी वो बोली -आप कौन हैं ?

तब रुक्मणी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया ;तब वो बोली मैं तो राधा जी की दासी हूँ।राधाजी तो सात द्वार के बाद आपको मिलेंगी ।

रुक्मणी ने सातो द्वार पार किये और हर द्वार पर एक से एक सुन्दर और तेजवान दासी को देख सोच रही थी क़ि अगर उनकी दासियाँ इतनी रूपवान हैं तो राधारानी स्वयं कैसी
होंगी ?सोचते हुए राधाजी के कक्ष में पहुंची।कक्ष में राधा जी को देखा ,अत्यंत रूपवान तेजस्वी जिसका मुख सूर्य से भी तेज चमक रहा था।
रुक्मणी सहसा ही उनके चरणों में गिर पड़ी पर ये क्या राधा जी के पैरो पर तो छाले पड़े हुए है।रुक्मणी ने पूछा देवी आपके पैरो में छाले कैसे ?
तब राधा जी ने कहा देवी कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया, वो ज्यदा गरम था; जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए और उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है।
              - जय  श्री कृष्ण

इसलिए कहा जाता है
बसना हो तो ह्रदय में बसो किसी के
दिमाग में तो लोग खुद ही बसा लेते है ।
जय हा राधा राणी की जय

गुरुवार, 21 मई 2015

जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा

"जो भाग्य में है , वह
               भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह
          आकर भी भाग जाएगा...!"

यहाँ सब कुछ बिकता है ,
         दोस्तों रहना जरा संभाल के ,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है ,
                    गुब्बारों में डाल के ,

सच बिकता है , झूट बिकता है,
                   बिकती है हर कहानी ,
तीनों लोक में फेला है , फिर भी
                  बिकता है बोतल में पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
          जिस दिन खिलोगे ,
                  टूट कर बिखर्र जाओगे ,
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
          जिस दिन तराशे गए ,
                 "भगवान" बन जाओगे....!!

"रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!

सड़क कितनी भी साफ हो
"धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती है!!!

आइना और परछाई के
जैसे मित्र रखो क्योकि
आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती......

खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो
एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो,
उसका कोई 'इलाज' नहीं है।

"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!

अगर लोग केवल जरुरत पर
ही आपको याद करते है तो
बुरा मत मानिये बल्कि
गर्व कीजिये  क्योंकि "
मोमबत्ती की याद तभी आती है,
जब अंधकार होता है।"

लीवर पूरे 32 देना..

शराबी मरने ही वाला था कि उसके सामने शिव भगवान प्रकट हुए…

शिवजी: तुम्हारी कोई अंतिम इच्छा हो, तो बताओ.

शराबी: प्रभु अगले जन्म में दांत चाहे एक ही देना,
पर लीवर पूरे 32 देना..

दान करने से रुपया जाता है ------ लक्ष्मी नही --

नल बंद करने से नल बंद होता है
------ पानी नहीं ---------
घड़ी बंद करने से घड़ी बंद होती है
------ समय नहीं ---------
दीपक बुझाने से दीपक बुझता है
------रौशनी नहीं --------
झूट छुपाने से झूट छुपता है
-------सच नहीं --------
प्रेम करने से प्रेम मिलता है
------नफरत नहीं -------
दान करने से रुपया जाता है
------ लक्ष्मी नही -------

"नाम" और "बदनाम" में क्या फर्क है ?

"नाम" और "बदनाम" में क्या फर्क है ?

"नाम" खुद कमाना पड़ता है , और "बदनामी" लोग आपको कमा के देते हैं!

दूसरों को नसीहत देना तथा आलोचना करना सबसे आसान काम है। सबसे मुश्किल काम है चुप रहना और आलोचना सुनना...

यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए..
                                                              
खूब करती है, वो मेरे ज़ख्म का इलाज
कुरेद कर देख लेती है रोज , और कहती है अभी वक्त लगेगा

दुनिया का सबसे कठिन शब्द
       " वाह "....
जब आप किसी के  लिए इन्हे बोलते है तब आप अपने अहंकार को तोड़ते है !!

अगर चाहते हो कि खुदा मिले,
तो वो करो जिससे दुआ मिले...

कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है..
पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है..

अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे
या तो "दूर" से देख रहे हो
या अपने "गुरुर" से देख रहे हो !!

गर्मी किस बात पर होगी...

एक इन्सान ने घड़े से पूछा,
कि तुम इतने ठंडे क्यों और कैसे रहते हो?

अति अर्थ पूर्ण उत्तर था घड़े का: 
जिसका  अतीत  भी  मिट्टी,  और भविष्य भी मिट्टी,
उसे गर्मी किस बात पर होगी...

ये छोटी सी बात हर इंसान भी यदि समझ सके तो कितना अच्छा हो  ....

सोमवार, 18 मई 2015

दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए

अंधे को मंदिर आया देख
लोग हँसकर बोले -
"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,
पर क्या भगवान को देख पाओगे?"

अंधे ने कहा -"क्या फर्क पड़ता है,
मेरा भगवान तो 
मुझे देख लेगा."

दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए।

"रूल" तोड़ना मना है..


"हर् स्कूल में लिखा होता है"- "असूल" तोड़ना मना है,
हर बाग में लिखा होता है- "फूल" तोड़ना मना है,
हर खेल मैं लिखा होता है- "रूल" तोड़ना मना है..।

काश...

"रिश्ते, परिवार, दोस्ती मैं भी लिखा
होता कि..किसी का "दिल" ❤❤
तोड़ना मना है..।

बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते
इनको तू बेकार न कर ,

मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर….!!

रिश्ते कभी भी "कुदरती" मौत नहीं मरते.!
इनको हमेशा "इंसान" ही क़त्ल
करता है.!
"नफ़रत" से,"नजरअंदाजी" से, तो कभी...."गलतफ़हमी" से..!!

सीखा है मैने ज़िन्दगी से एकतुजुर्बा..!
जिम्मेदारी इंसान को वक्त से पहले बड़ा बना देती है..!!

बच्चों को संस्कार

पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
   माता-पिता  और सास सासु माँ बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,

दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।

शनिवार, 16 मई 2015

ये ही सत्य हैं

"ये ही सत्य हैं"

प्र०→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!

प्र०→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
उत्तर→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!

प्र०→संसार में दुःख क्यों है ?
उत्तर→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!

प्र०→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
उत्तर→ ईश्वर ने संसारकी रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!

प्र०→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
उत्तर→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!

प्र०→ भाग्य क्या है ?
उत्तर→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!

प्र०→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
उत्तर→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..
इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!

प्र०→किस चीज को गंवाकर मनुष्य
धनी बनता है ?
उत्तर→ लोभ..!!

प्र०→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
उत्तर→ अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!

प्र० → किस चीज़ के खो जाने
पर दुःख नहीं होता ?
उत्तर→ क्रोध..!!

प्र०→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
उत्तर → दया..!!

प्र०→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
उत्तर→ तकलीफें, धोखा..!!

प्र०→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
उत्तर→ इज़्ज़त, किसी की हाय..!!

प्र०→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
उत्तर→मज़बूरी..!!

प्र०→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
उत्तर→ सत्य..!!

प्र०→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
उत्तर→ झूठ..!!

प्र०→ करने लायक सुकून का
कार्य ?
उत्तर→ परोपकार..!!

प्र०→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
उत्तर→ मोह..!!

प्र०→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
उत्तर→ जिंदगी..!!

प्र०→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
उत्तर→ मौत..!!

प्र०→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
उत्तर→ अपनी मूर्खता..!!

प्र०→  दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
उत्तर→ आत्मा और ज्ञान..!!

प्र०→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
उत्तर→ समय..!!

करै न कबहू साहसी

करै न कबहू साहसी, दीन हीन को काम।
भूख सहै पर घास को, नाहि भखै मृगराज।।
भावार्थ
साहसी व्यक्ति कभी भी हीनता का कार्य नहीं करता है उसके व्यवहार में दरिद्रता नहीं दिखती है जिस प्रकार केसरी चाहे कितने भी दिन भूखा क्यों न रहे वह घास का भक्षण कभी नहीं
करता।

बातें झोंकों के साथ

बातें झोंकों के साथ हवा में
जल्द ही फैल जाती हैं;
ज़रा संभल के बोलना,
लौटती है तो रूप बदल
के आती हैं

धनवान बनने के लिए
एक-एक कण का
संग्रह करना पडता है,
और
गुणवान बनने के लिए एक एक क्षण का
सदुपयोग करना पडता है.

"हमारा चरित्र कितना भी निश्चय क्यों न हो, उस पर संगत का असर अवश्य पड़ता है...!!!"

आपका दिन आनंदमय हो सा...

ॐ वचन

पैर की मोच
और
छोटी सोच,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।

टूटी कलम
और
औरो से जलन,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।

काम का आलस
और
पैसो का लालच,
हमें महान
बनने नहीं देता ।

अपना मजहब उंचा
और
गैरो का ओछा,
ये सोच हमें इन्सान
बनने नहीं देती ।

दुनिया में सब चीज
      मिल जाती है,....
      केवल अपनी गलती
      नहीं मिलती.....

भगवान से वरदान माँगा
     कि दुश्मनों से
         पीछा छुड़वा दो,
            अचानक दोस्त
                कम हो गए...

" जितनी भीड़ ,
     बढ़ रही
       ज़माने में..।
         लोग उतनें ही,
           अकेले होते
             जा रहे हैं...।।।

इस दुनिया के
   लोग भी कितने
      अजीब है ना ;

          सारे खिलौने
             छोड़ कर
                जज़बातों से
                   खेलते हैं...

किनारे पर तैरने वाली
   लाश को देखकर
      ये समझ आया...
         बोझ शरीर का नही
            साँसों का था....

दोस्तो के साथ
   जीने का इक मौका
      दे दे ऐ खुदा...
         तेरे साथ तो
            हम मरने के बाद
              भी रह लेंगे....

“तारीख हज़ार
    साल में बस इतनी
       सी बदली है…
          तब दौर
             पत्थर का था
                अब लोग
                   पत्थर के हैं..."

☝ Thought of the day ☝

    स्वर्ग का सपना छोड़ दो,
    नर्क का डर छोड़ दो,
    कौन जाने क्या पाप ,
    क्या पुण्य,
    बस...
    किसी का दिल न दुखे
    अपने स्वार्थ के लिए,
    बाकी सब कुदरत पर छोड़ दो।

शुक्रवार, 15 मई 2015

जहर क्या होता है

        मेंने प्रभु को पुछा
           " जहर क्या होता है ? "
                   तो प्रभु जी
        ने बहुत सुन्दर जबाब दिया
               " हर वो चीज
               जो जिन्दगी मे
        आवश्यकता से अत्यधिक
                होती है वही
                     जहर
                    होती है

सुख की माया में खोए मन को भगवान भी नहीं बचा सकते।

एक इंसान घने जंगल में
भागा जा रहा था।

शाम हो गई थी।

अंधेरे में कुआं दिखाई
नहीं दिया और वह
उसमें गिर गया।

गिरते-गिरते कुएं
पर झुके पेड़ की
एक डाल उसके
हाथ में आ गई।

जब उसने नीचे झांका,
तो देखा कि कुएं में
चार अजगर मुंह खोले
उसे देख रहे हैं

और जिस डाल को
वह पकड़े हुए था,
उसे दो चूहे कुतर रहे थे।

इतने में एक हाथी आया
और पेड़ को जोर-जोर
से हिलाने लगा।

वह घबरा गया
और सोचने लगा कि
हे भगवान अब क्या होगा।

उसी पेड़ पर
मधुमक्खियों का
छत्ता लगा था।

हाथी के पेड़ को
हिलाने से मधुमक्खियां
उडऩे लगीं और
शहद की बूंदें टपकने लगीं।

एक बूंद उसके
होठों पर आ गिरी।

उसने प्यास से
सूख रही जीभ को
होठों पर फेरा,
तो शहद की उस बूंद में
गजब की मिठास थी।

कुछ पल बाद फिर
शहद की एक और
बूंद उसके मुंह में टपकी।

अब वह इतना मगन
हो गया कि अपनी
मुश्किलों को भूल गया।

तभी उस जंगल से
शिव एवं पार्वती
अपने वाहन से गुजरे।

पार्वती ने शिव से उसे
बचने का अनुरोध किया।

भगवान शिव ने उसके
पास जाकर कहा-
मैं तुम्हें बचाना चाहता हूं।
मेरा हाथ पकड़ लो।

उस इंसान ने कहा कि
एक बूंद शहद
और चाट लूं,
फिर चलता हूं।

एक बूंद, फिर एक बूंद
और हर एक बूंद के
बाद अगली बूंद का इंतजार।

आखिर थक-हारकर
शिवजी चले गए।

वह जिस जंगल में
जा रहा था,

वह जंगल है दुनिया

और

अंधेरा है अज्ञान।

पेड़ की डाली है आयु।

दिन-रात रूपी चूहे

उसे कुतर रहे हैं।

घमंड का मदमस्त हाथी
पेड़ को उखाडऩे में लगा है।

शहद की बूंदें
सांसारिक सुख हैं,
जिनके कारण मनुष्य
खतरे को भी
अनदेखा कर देता है।

यानी,

सुख की माया में
खोए मन को
भगवान भी
नहीं बचा सकते।

सोमवार, 11 मई 2015

जन्म अपने हाथ में नही


                       जन्म
               अपने हाथ में नही,
                       मरण
               अपने हाथ में नही,
                       मगर
                 जीवन को अपने
                      तरीके
               से जीना अपने हाथ
                    में होता है...
                     मस्त रहो.....,
                   मुस्कुराते रहो...,
              सबके दिलों में जगह
                   बनाते रहो...
               

शुक्रवार, 8 मई 2015

अच्छा दिल

                अच्छा दिल
                    और
           अच्छा स्वभाव दोनो
                आवश्यक है।
    अच्छे दिल से कई रिस्ते बनेगे और
            अच्छे स्वभाव से वो
            जीवन भर टिकेगे!

     

शुक्रवार, 1 मई 2015

आगम पंथ है प्रेम को


आगम पंथ है प्रेम को, जहं ठकुराई नाही।
गोपिन के पीछे फिरे, त्रिभुवन पति बन माहि।।
भावार्थ
प्रेम का पथ बङा कठिन है उस पर तो किसी का भी शासन नहीं चलता है प्रेम के वशीभूत हो जाने पर व्यक्ति के हाथ में कुछ भी नहीं रहता है जिस प्रकार त्रिलोकी नाथ श्री कृष्ण प्रेम के
वश में होकर वन वन गोपियों के
पीछे घूमते रहते थे

गर्मी किस बात पर

किसी ने घड़े से पूछा,
कि तुम इतने ठंडे क्यों हो ?

अति अर्थ पूर्ण उत्तर था घड़े का: 
जिसका  अतीत  भी  मिट्टी,  और भविष्य भी मिट्टी,
उसे गर्मी किस बात पर होगी. .!!