रविवार, 26 अप्रैल 2015

रहिमन याचकता गहे


रहिमन याचकता गहे, बङे छोट ह्वै जात।
नारायण हू को भयो, बावन आँगुर गात।।
भावार्थ
रहीम कहते है कि चाहे कोई कितना भी बङा क्युं न हो दूसरों के आगे याचना करने अर्थात मांगने पर वह उसी प्रकार छोटा हो जाता है जिस प्रकार स्वयं श्री हरि वामन रूप धर बली राजा की याचना करने पर उन्हें भी बावन आँगुर का रूप धारण करना पड़ा।

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