रविवार, 21 जून 2015

विश्व योग दिवस कविता


विश्व योग दिवस

     
स्नान तन को
        ध्यान मन को
        दान धन को
        योग जीवन को
        प्रार्थना आत्मा को
        व्रत स्वास्थ को
        क्षमा रिश्तो को
        ओर
        परोपकार किस्मत को
        शुद्ध कर देता है ।

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