एक हिन्दू परिवार गाङी में जा रहा था।कुछ आतंकवादियों ने गाङी को रोका। एक आतंकवादी ने परिवार के मुखिया कि कनपटी पे बंदूक रखी और कहा "तुम्हारी ज़ात क्या है ? हिन्दू बोला ..."मुसलमान" आतंकवादी ने कहा- कुरआन कि कोई आयत सुनाओ हिन्दू ने आयत सुना दी आतंकवादी ने कहा - अब तुम जा सकते हो जब वो परिवार वहां से निकला तो हिन्दू से उसकी पत्नी ने कहा -आपने तो गीता की चोपाई सुनाई थी फिर उसने हमें कैसे छोङा हिन्दू ने कहा - अगर ये कुरआन पढ लेता तो आतंकवादी नहीं होता......
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शुक्रवार, 31 जुलाई 2015
कुरआन पढ लेता तो आतंकवादी नहीं होता......
ये दुनियाँ ठीक वैसी है
ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना चाहते हैं...
यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब....
किसी को दो रातों के बीच एक दिन नजर आता है तो किसी को दो सुनहरे दिनों के बीच एक काली रात....
किसी को भगवान में पत्थर नजर आता है और किसी को पत्थर में भगवान...
किसी को साधु में भिखारी नजर आता है और किसी को भिखारी में भी साधु...
किसी को श्री कृष्ण में काला नजर आता है और किसी को काले में भी श्री कृष्ण...
किसी को मित्र में भी शत्रु नजर आता है और किसी को शत्रु में भी मित्र...
किसी को अपने भी पराये नजर आते हैं तो किसी को पराये भी अपने....
किसी को कमल में कीचड़ नजर आता है तो किसी को कीचड़ में कमल....
अगर आप चाहते हैं कि हर वस्तु आपके पसन्द की हो तो इसके लिए आपको अपनी दृष्टि बदलनी पड़ेगी क्योंकि प्रकृति के दृश्यों को चाहकर भी नहीं बदला जा सकता।
आप बस नजर मात्र बदलिए नजारे खुद-बखुद बदल जाएँगे।
सोमवार, 27 जुलाई 2015
जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा,
"जो भाग्य में है , वह
भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह
आकर भी भाग जाएगा...!"
यहाँ सब कुछ बिकता है ,
दोस्तों रहना जरा संभाल के ,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है ,
गुब्बारों में डाल के ,
सच बिकता है , झूट बिकता है,
बिकती है हर कहानी ,
तीनों लोक में फेला है , फिर भी
बिकता है बोतल में पानी ,
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे ,
टूट कर बिखर्र जाओगे ,
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए ,
"भगवान" बन जाओगे....!!
"रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!
सड़क कितनी भी साफ हो
"धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती है!!!
आइना और परछाई के
जैसे मित्र रखो क्योकि
आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती......
खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो
एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो,
उसका कोई 'इलाज' नहीं है।
"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
अगर लोग केवल जरुरत पर
ही आपको याद करते है तो
बुरा मत मानिये बल्कि
गर्व कीजिये क्योंकि "
मोमबत्ती की याद तभी आती है,
जब अंधकार होता है।
रविवार, 26 जुलाई 2015
आपके दोस्त कौन
जब आप जीवन में सफल होते हैं तब आपके दोस्तों को पता चलता है कि आप कौन हैं; जब आप जीवन में असफल होते हैं तब आपको पता चलता है कि आपके दोस्त कौन हैं|
आदमी का घमंड
एक फ़क़ीर शमशान में दो चिताओ की राख को बड़े ध्यान से देख रहा था |
किसी ने पूछा कि बाबा एसे क्यू देख रहे हो राख को ?
फ़क़ीर बोला कि ये एक अमीर की लाश की राख है जिसने ज़िंदगी भर काजू बादाम स्वर्ण भस्म खाये और ये एक ग़रीब की लाश है जिसे दो वक़्त की रोटी भी बडी मुश्किल से नसीब होती थी |
मगर इन दोनों की राख एक सी ही है |
फिर किस चीज़ पर आदमी को घमंड है ???
मेरी मेहनत का
हे प्रभू
न किसी का फेंका हुआ मिले,
न किसी से छीना हुआ मिले,
मुझे बस मेरे नसीब मे
लिखा हुआ मिले,
ना मिले ये भी तो
कोई ग़म नही
मुझे बस मेरी मेहनत का
किया हुआ मिले..
हाथ की लकिरे
अपने हाथ की लकिरें
भी कितनी बेवफा हैं...
खुद की हैं, पर समझ
किसी और को आती हैं!...
शनिवार, 25 जुलाई 2015
आँखे तालाब नहीं फिर भी भर आती हैं।
आँखे तालाब नहीं फिर भी भर आती हैं।।
दुश्मन बीज नहीं फिर भी बोया जाता हैं।
होठ कपड़ा नहीं फिर भी सिला जाता हैं।
किस्मत सखी नहीं फिर भी रूठ जाती हैं।
बुद्धी लोहा नहीं फिर भी जंग लगती हैं।
आत्मसम्मान शरीर नहीं फिर भी घायल हो जाता हैं।
इन्सान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता हैं। ..........
मस्त स्वभाव में जियो।
ना किसी के आभाव में जियो,
ना किसी के प्रभाव में जियो,
ज़िन्दगी आपकी है बस अपने मस्त स्वभाव में जियो।
गुरुवार, 23 जुलाई 2015
नरम दिल वाले
लोग समझते हैं कि नरम दिल वाले बेवकूफ होते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि नरम दिल वाले बेवकूफ नही होते, वे बखूबी ये जानते हैं कि लोग उनके साथ क्या कर रहे हैं, पर हर बार लोगों को माफ करना यह जाहिर करता है कि वो एक खूबसूरत "दिल" के मालिक हैं और वे "रिश्तों" को सँभालना बखूबी जानते हैं।
रिश्ते उम्रकेद की तरह
कुछ रिश्ते उम्रकेद
की तरह होते हैं।
जहां जमानत देकर
भी रिहाई मुमकिन नही।
मंगलवार, 21 जुलाई 2015
ग़म एक अनुभव ह
ग़म एक अनुभव है
जो हर किसी के पास है,
ख़ुशी एक एहसास है
जिसकी हर किसी को तलाश है,
पर जिंदगी तो वही जीता है
जिसे खुद पर विश्वास है।
मेरी तकदीर
किसी पिता ने खुब कहा है
मुझे इतनी "फुर्सत" कहाँ कि मैँ तकदीर का लिखा देखुँ., बस अपनी बेटी की "मुस्कुराहट" देखकर समझ जाता हुँ की "मेरी तकदीर" बुलँद है।
ग़लतफ़हमी का एक पल
"ग़लतफ़हमी का एक पल इतना जहरीला होता
है"।
"जो प्यार भरे सौ लम्हों को एक पल में भुला
देता है"
ग़लतफ़हमी का एक पल
"ग़लतफ़हमी का एक पल इतना जहरीला होता
है"।
"जो प्यार भरे सौ लम्हों को एक पल में भुला
देता है"
रविवार, 19 जुलाई 2015
काँटे क़दमों की रफ़्तार बढ़ा देते है !
काँटों पर चलने वाला व्यक्ति
अपनी मंज़िल पर जल्दी पहुँच जाता है,
क्योंकि...
काँटे क़दमों की रफ़्तार बढ़ा देते है !
शनिवार, 18 जुलाई 2015
इंद्रधनुषी रंग जैसा सुकून
1. चेहरा देना कुदरत का काम है, और चेहरे को रंग देना भी कुदरत का ही काम
है। पर जीवन को देखने और जीने का ढंग कैसा हो यह अपने आप पर है। जीवन ऐसा
जिएँ जो खुद के साथ औरों को भी इंद्रधनुषी रंग जैसा सुकून दे।
2. जि़ंदगी एक बाँसुरी है। उसमें दुख रूपी छेद तो बहुत सारे हैं पर जिसको
बाँसुरी बजानी आ जाती है वह उन छेदों में से भी मीठा संगीत पैदा कर लेता
है।
3. जि़ंदगी जलेबी की तरह होती है। यह टेढ़ी-मेढ़ी जरूर होती है पर
मुस्कान की चासनी अगर हम लगाते रहेंगे, तो यह भी सबको मधुर लगेगी।
4. जि़ंदगी एक गज़ब की परीक्षा है। जब परीक्षा की जि़ंदगी खतम हो जाती
है, तो जि़ंदगी की परीक्षा होनी शुरू हो जाती है।
5. जि़ंदगी में हर किसी को अहमियत दीजिए। विश्वास रखिए, जो अच्छे होंगे
वे आपका साथ देंगे और जो बुरे होंगे वे आपको सबक देंगे।
6. जि़ंदगी में सदा खुश रहिए, गम को भूला दीजिए। न खुद रूठिए, न दूसरों
को रूठने का अवसर दीजिए। खुद भी हँसकर जीने की कोशिश कीजिये और दूसरों
को भी हँसकर जीना सिखा दीजिये।
7. पानी से कभी तस्वीर नहीं बनती और ख्वाबों से कभी तकदीर नहीं बनती।
जि़ंदगी में हमेशा श्रेष्ठ कर्म करते रहिए क्योंकि यह जि़ंदगी बार-बार
नहीं मिलती।
8. कभी भी पीपल के पत्तों जैसा मत बनिए, जो वक्त आने पर सूखकर गिर जाते
हैं। जि़ंदगी में हमेशा मेहन्दी के पत्तों की तरह बनिए, जो खुद घिसकर भी
दूसरों की जि़ंदगी में रंग भर देते हैं।
9. हमारी जि़ंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी। अगर इसमें अच्छे रंग
मिलाओगे, तो तस्वीर सुन्दर बन जाएगी और अच्छे कर्म करोगे तो आपकी तकदीर
सँवर जाएगी।
10. हमेशा जोडऩे की कोशिश कीजिए, तोडऩे की नहीं। संसार में सूई बनकर
रहिए, कैंची बनकर नहीं। सूई 2 को 1 कर देती है और कैंची 1 को 2 कर देती
है।
11. दुनिया में गाय की तरह रहो, साँप की तरह नहीं। गाय घास खाती है पर
बदले में दूध देती है और साँप दूध पीता है पर बदले में ज़हर देता है। जो
गाय की तरह रहेंगे वे गोविन्द की तरह पूजे जाएँगे और जो साँप की तरह
रहेंगे वे शैतान कहलाएँगे।
12. जीवन में चार चीजें कभी मत तोडि़ए 1. विश्वास, 2. रिश्ता, 3. दिल और
4. वचन। जब ये टूटते हैं तो कोई आवाज तो नहीं होती लेकिन दर्द बहुत होता
है।
13. रंगोली दो दिन की होती है, फिर भी उसे हम खूब सजाते हैं। ठीक वैसे
ही जि़ंदगी भी कुछ वर्षों की है, इसे श्रेष्ठ कर्मों से खूब सजाने की
कोशिश कीजिए।
14. केवल धागा लम्बा होने से कोई पतंग आसमान तक नहीं पहुँचती, पतंग को
आसमान तक पहुँचाने के लिए उड़ाने का तरीका आना जरूरी है।
15. केवल ज़्यादा धन होने से जि़ंदगी में खुशियाँ नहीं आतीं, जि़ंदगी
में खुशियाँ भरने के लिए प्रेम और मिठास का रंग घोलना जरूरी है।
दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ सवाल
" दुनिया के 10 सर्वश्रेष्ठ सवाल "
.
.
.
.
.
राजा भोज ने कवि कालीदास से
दस सर्वश्रेष्ठ सवाल किए ---
1- दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना क्या है ?
''मां''
2- सर्वश्रेष्ठ फूल कौन सा है ?
"कपास का फूल"
3- सर्वश्र॓ष्ठ सुगंध कौनसी है ?
"वर्षा से भीगी मिट्टी
की सुगंध"
4-सर्वश्र॓ष्ठ मिठास कौनसी ?
"वाणी की"
5- सर्वश्रेष्ठ दूध ?
"मां का"
6- सबसे से काला क्या है ?
"कलंक"
7- सबसे भारी क्या है ?
"पाप"
8- सबसे सस्ता क्या है ?
"सलाह"
9- सबसे महंगा क्या है ?
"सहयोग"
10-सबसे कडवा क्या है ?
"सत्य"
शुक्रवार, 17 जुलाई 2015
शरीर की शुगर तो चेक
इंसान अपने शरीर की शुगर तो चेक कराता रहता है.......
अगर जीभ की कड़वाहट को चेक कराये तो
सारी समस्या खत्म......
आप सभी का दीन मंगलमय हो ।
आप सर्वोतम है.
जीवन में कभी
किसी सेअपनी
तुलना मत
करिये....
आप जैसे हैं
सर्वश्रेष्ठ हैं
ईश्वर की हर
रचना अपने आप
में सर्वोतम है.
भारत और इंडिया में अंतर.....
भारत और इंडिया में अंतर.....
भारत में गॉंव है, गली है, चौबारा है.
इंडिया में सिटी है, मॉल है, पंचतारा है.
भारत में घर है, चबूतरा है, दालान है.
इंडिया में फ्लैट और मकान है.
भारत में काका है, बाबा है, दादा है, दादी है.
इंडिया में अंकल आंटी की आबादी है.
भारत में खजूर है, जामुन है, आम है.
इंडिया में मैगी, पिज्जा, माजा का नकली आम है.
भारत में मटके है, दोने है, पत्तल है.
इंडिया में पोलिथीन, वाटर व वाईन की बोटल है.
भारत में गाय है, गोबर है, कंडे है.
इंडिया में सेहतनाशी चिकन बिरयानी अंडे है.
भारत में दूध है, दही है, लस्सी है.
इंडिया में खतरनाक विस्की, कोक, पेप्सी है.
भारत में रसोई है, आँगन है, तुलसी है.
इंडिया में रूम है, कमोड की कुर्सी है.
भारत में कथडी है, खटिया है, खर्राटे हैं.
इंडिया में बेड है, डनलप है और करवटें है.
भारत में मंदिर है, मंडप है, पंडाल है.
इंडिया में पब है, डिस्को है, हॉल है.
भारत में गीत है, संगीत है, रिदम है.
इंडिया में डान्स है, पॉप है, आईटम है.
भारत में बुआ है, मौसी है, बहन है.
इंडिया में सब के सब कजन है.
भारत में पीपल है, बरगद है, नीम है.
इंडिया में वाल पर पूरे सीन है.
भारत में आदर है, प्रेम है, सत्कार है.
इंडिया में स्वार्थ, नफरत है, दुत्कार है.
भारत में हजारों भाषा हैं, बोली है.
इंडिया में एक अंग्रेजी एक बडबोली है.
भारत सीधा है, सहज है, सरल है.
इंडिया धूर्त है, चालाक है, कुटिल है.
भारत में संतोष है, सुख है, चैन है.
इंडिया बदहवास, दुखी, बेचैन है.
क्योंकि …
भारत को देवों ने, वीरों ने रचाया है.
इंडिया को लालची, अंग्रेजों ने बसाया है....
ईंटे
ये जो ईंटे देख रहे हो न, आज इनका कोई मज़हब नहीं है...
पर कल जब मंदिरों में लगेंगी तो हिन्दू हो जाएंगी,
और मस्जिदों में लगेंगी तो मुसलमां...
गुरुवार, 16 जुलाई 2015
साइड ग्लास
किसी ने मुझसे पुछा की :
"तुम इतने खुश कैसे रेह लेते हो…??"
तो मेने कहा ....:
"मैनें ज़िन्दगी की गाड़ी से वो साइड ग्लास ही हटा दिया,
जिसमे पीछे छूटे रास्ते नज़र आते हैं..!
विष्णु जी और लक्ष्मीजी संवाद
विष्णु जी और लक्ष्मीजी संवाद :-
लक्ष्मी जी : सारा संसार पैसे (मेरे) से चल रहा है, अगर मैं नहीं तो कुछ नहीं.,
विष्णु जी (मुस्कुरा के) :- सिद्ध करके दिखाओ.?
लक्ष्मी जी ने पृथ्वी पर एक शवयात्रा का दृश्य दिखाया - जिसमे लोग शव पर पैसा फेंक रहे थे, कुछ लोग उस पैसे को लूट रहे थे, तो कुछ बटोर रहे थे, तो कोई छीन रहा था।
लक्ष्मी जी :- देखा ..... कितनी कीमत है पैसों की..?
विष्णु जी:- परन्तु लाश नहीं उठी पैसे उठाने के लिए.?
लक्ष्मी जी:- अरे, लाश कैसे उठेगी वो तो मरी हुई है... बेजान है।
तब विष्णु जी ने बड़ा खूबसूरत जवाब दिया, बोले :-
जब तक मैं (प्राण) शरीर में हूं.. तब तक ही तेरी कीमत है।
और जैसे ही मैं शरीर से निकला.. तुम्हारी कोई कीमत नहीं है।।
जिंदगी का तजूर्बा
मुझे जिंदगी का तजूर्बा तो नहीं पर इतना मालूम है, छोटा आदमी बडे मौके पर काम आ जाता है...और...बड़ा आदमी छोटी सी बात पर औकात दिखा जाता है !
दीन कहे धनवान सुखी
दीन कहे धनवान सुखी,
धनवान कहे सुख राजा को भारी।
राजा कहे महाराजा सुखी,
महाराजा कहे सुख इन्द्र को भारी।
इन्द्र कहे सुख ब्रह्मा को,
ब्रह्मा कहे सुख विष्णु को भारी।
तुलसी दास कहे विचारी,
बिनु हरि भजन सब जीव दुखारी।
बुधवार, 15 जुलाई 2015
जिंदगी का तजूर्बा
मुझे जिंदगी का तजूर्बा तो नहीं पर इतना मालूम है, छोटा आदमी बडे मौके पर काम आ जाता है...और...बड़ा आदमी छोटी सी बात पर औकात दिखा जाता है !
"दु:ख" और "तकलीफ"
"दु:ख" और "तकलीफ"
भगवान की बनाई हुई
वह प्रयोगशाला है l
जहां आपकी काबलियत
और आत्मविश्वास को
परखा जाता है l
मंगलवार, 14 जुलाई 2015
बदलती चीज़ें
बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी
लगती हैं !
लेकिन बदलते हुए अपने,
कभी अच्छे नहीं लगते !!
सोमवार, 13 जुलाई 2015
ज़िन्दगी जीने का मकसद
ज़िन्दगी जीने का मकसद खास होना चाहिए;
और अपने आप पर विश्वास होना चाहिए;
जीवन में खुशियों की कोई कमी नहीं होती;
बस जीने का अंदाज़ होना चाहिए।
रविवार, 12 जुलाई 2015
Waman avtar charitra
> जय श्रीकृष्ण <
>वामन चरित <
परमात्मा जब द्वार पर पधारते हैँ , तो तीन वस्तुएँ माँगते हैँ -
तीन कदम पृथ्वी अर्थात् जीवमात्र से तन,मन,और धन ।इन तीनोँ का भगवान को अर्पण करना चाहिए ।
तन से सेवा करने पर देहाभिमन नष्ट होता जायेगा और अहंकार समाप्त होगा । मनसे सेवा करने पर श्रम नहीँ करना पड़ेगा ।धन से सेवा करने पर धन की माया-ममता-मोह नष्ट होगा।तन,मन,धन से सेवा करने पर ही जीव और ब्रह्म का मिलन होता है ।
अतः इन तीनो से भगवान की सेवा करनी चाहिए ।सभी वस्तुएँ भगवान की है-
"ईशावस्यमिदं जगत्"
उन्हेँ ही अर्पित करनी चाहिए । उन्हीँ का दिया हुआउन्हे देना है-
"त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये "
जो व्यक्ति बलि की भाँति तन,मन,एवं धन भगवान को अर्पित करता है , भगवान उसके द्वारपाल बनते हैँ अर्थात् प्रत्येक इन्द्रियके दरवाजे पर खड़े रहकर नारायण भगवान उसकी रक्षा करते हैँ ।और इन्द्रिय मार्ग से काम का प्रवेश नहीँ हो पाता ।
तीन चरण पृथ्वी का एक अर्थ है -- सत,रज,एवं तम - इन तीन गुणोँ को भगवान को अर्पित करना चाहिए । शरीर से सेवा करने तमोगुण घटता है ।ईश्वरसेवा मेँ धन का उपयोग करने से रजोगुण कम होगा । यदि तन और धन दिया जाय तथा मन न दिया जाय तो प्रभु प्रसन्न नहीँ होते ।अतः
सत्वगुण के क्षय हेतु मन सेभी प्रभु की सेवा करनी चाहिए । मन विषयोँ मेँ और तन ठाकुर जी के पास होगा, तोईश्वर को आनन्द नहीँ आयेगा । सेवा करते समय यदि आँखो मेँ आँसू आ जायँ तो समझना चाहिए कि ठाकुर जी ने कृपा की है ।ज्ञानी व्यक्ति ईश्वर के साथ शरीर से नही , मन से सम्बन्ध जोड़ता है ।
समर्पणकर्ता को अपने आपको भी समर्पण करना चाहिए ।
सब करने के बाद भी यह मानना चाहिए कि हमने कुछ भी नहीँ किया -
"मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन "
Importance of sunday
एक रविवार ही है …
जो रिश्तों को संभालता है …
बाकी दिन तो,
किश्तों को संभालने में खर्च हो जाते
ईश्वर की तरफ से शिकायत
ईश्वर की तरफ से शिकायत:
मेरे प्रिय...
सुबह तुम जैसे ही सो कर उठे, मैं तुम्हारे बिस्तर के पास ही खड़ा था। मुझे लगा कि तुम मुझसे कुछ बात
करोगे। तुम कल या पिछले हफ्ते हुई किसी बात या घटना के लिये मुझे धन्यवाद कहोगे। लेकिन तुम फटाफट चाय पी कर तैयार होने चले गए और मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!
फिर मैंने सोचा कि तुम नहा के मुझे याद करोगे। पर तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!
फिर जब तुम जल्दी से नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे...तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।
मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो,तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात
ही नहीं की...
एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया।
दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दिन का अब भी काफी समय बचा था। मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर सो गये।
मेरा बड़ा मन था कि मैं भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं...
तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताऊँ...
तुम्हारी कुछ सुनूं...
तुम्हे कुछ सुनाऊँ।
कुछ मार्गदर्शन करूँ तुम्हारा ताकि तुम्हें समझ आए कि तुम किसलिए इस धरती पर आए हो और किन कामों में उलझ गए हो, लेकिन तुम्हें समय
ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।
मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।
हर रोज़ मैं इस बात का इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद करोगे।
पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है
कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते
भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ।
खैर कोई बात नहीं...हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये!!!
ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है। आखिरकार मेरा दूसरा नाम...आस्था और विश्वास ही तो है।
.
.
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तुम्हारा ईश्वर...
✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो परमात्मा का धन्यवाद करो , क्योंकि कुछ लोग इन लम्हों को तरसते हैं ।
✔जब भी अपने काम पर जाओ तो परमात्मा का धन्यवाद करो , क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।
✔परमात्मा का धन्यवाद कहो जब तुम तन्दुरुस्त हो , क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।
✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो की तुम जिन्दा हो , क्योंकि मरे हुए लोगों से पूछो जिंदगी कीमत ।
दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।
किसी पर कोई दबाव नही है ।
.
दोनों बहुत दूर्लभ
कटु सत्य
"दोनों
बहुत दूर्लभ है
एकमुखी रूद्राक्ष और
एकमुखी इंसान"
रास्ते बदलो.. सिद्धान्त नहीं ...
कामयाब' व्यक्ति की
सिर्फ 'चमक' लोगों को
दिखाई देती है...
उसने कितने 'अंधेरे' देखे हैं,
यह कोई नहीं जानता..
यदि सपने सच नहीं हो तो
रास्ते बदलो.. सिद्धान्त नहीं ...
क्योंकि
पेड़ हमेशा पत्तियाँ बदलते हैं....
जड़ें नहीं।
शुक्रवार, 10 जुलाई 2015
कलयुग के सुविचार
कलयुग के सुविचार
रोज भगवान को याद करते हो
पर कभी सोचा है कि
किसी दिन भगवान ने याद कर लिया तो..??
लेने के देने पड जायेंगे
"काम ऐसे करो कि लोग आपको
.
.
किसी दूसरे काम के लिए
बोलें ही नहीं"
आज के जमाने में सत्संग उसी संत का बढ़िया रहता है जिसके पंडाल में गर्म पोहा-जलेबी और अदरक वाली चाय मिले। वरना ज्ञान तो अब वॉट्सएप पर भी बंटता है।
जिस पुरुष ने आज के समय में बीवी, नौकरी, कारोबार और स्मार्टफोन के बीच में सामंजस्य बैठा लिया हो, वह पुरुष नहीं महापुरुष कहलाता है!
आज सबसे बड़ी कुर्बानी वह होती है, जब हम अपना फोन चार्जिंग से निकाल कर किसी और का फोन लगा दें!
“दुनिया में हर चीज मिल जाती है..
सिर्फ अपनी गलती नहीं मिलती”
आसमान को छूने के लिऐ रॉकेट को भी "बोतल" कि जरूरत पडती है।
तो फिर इंसान क्या चीज है।
आप कितने ही अच्छे काम कर लें, लेकिन लोग
उसे ही याद करते हैं, जो उधार लेकर मरा हो।
यदि पेड़ों से wi-fi के सिगनल मिलते..
तो हम खूब पेड़ लगाते। अफसोस कि वे हमे आक्सीजन देते है
आजकल माता-पिता को बस दो ही चिंताएं हैं।
इंटरनेट पर उनका बेटा क्या डाउनलोड कर रहा है और
बेटी क्या अपलोड कर रही है ।
हर एक इंसान हवा में उड़ता फिरता है,
फिर भी ना जाने जमीन पर इतनी भीड़ क्यों है ।।
जंगल में चरने गया बैल, दोस्तों के साथ पार्टी में बैठा पुरुष और ब्यूटी पार्लर में गयी महिला..
जल्दी वापस नहीं आते ।।
जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से पाने की ख्वाहिश या कोशिश करते हैं तो वह चीज
.
.
.
.
उसी शिद्दत से कुछ ज्यादा ही एटीट्यूड दिखाने लगती है।।
(())
Muje मेसेज नहीँ करने वाले दोस्तो याद रखना जनता माफ नहीँ करेगी तुम्हे
.....