मंगलवार, 24 मार्च 2015

रहिमन ओछे नरन सो


रहिमन ओछे नरन सों, बैर भलो
ना प्रीति।
काटे चाटै स्वान के, दोऊ भाँति विपरीति।।
भावार्थ
रहीम कहते ओछे लोगो से न  प्रेम  व्यवहार अच्छा  न शत्रुता क्योंकि दोनों परस्थितीयों में वह हमें नुकसान ही पहूंचायेंगे उनका व्यवहार उस स्वान जैसा है जो खुश होकर चाटे तो भी खराब व नाराज हो काटे तो भी अहितकर
                                     

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