सोमवार, 10 अगस्त 2015

सीस कान मुख नासिका


सीस कान मुख नासिका, ऊंचे ऊंचे ठाँव। सहजो नीचे कारणे, सब जग पूजे पाँव।।
भावार्थ
सहजो कहती हैं कि मनुष्य के शरीर में मस्तक कान नाक व मुंह आदि अनेक अंग शरीर के ऊपरी हिस्से में स्थित होने के कारण सहज ही उनमें बङप्पन का भाव होता है इसलिए संसार उसे पूजने की बजाय सरलता का भाव लिए शरीर के सबसे नीचे रहने वाले पाँव को ही पूजते हैं सहजो कहती हैं जो लोग अभिमान से ग्रसित है संसार उनकी अवहेलना कर सदैव सरल प्रकृति के व्यक्तियों का ही सम्मान करता है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें