जो पुरूषारथ ते कहूं, संपति मिलत रहीम।
पेट लागि वैराट घर, तपत रसोई भीम।।
भावार्थ
रहीम कहते है यदि व्यक्ति के पुरूषार्थ करने से धन संपति मिलती है तो कभी भी यह नहीं देखा जाता कि काम बङा है या छोटा अर्थात पुरूषार्थ ही
श्रेष्ठ है जिस प्रकार भीम ने राजा विराट के घर रसोईये का काम भी अज्ञात वास में अपना पेट पालने के लिए सहजता से कर लिया था इसलिए रहीम कहते है काम चाहे कितना भी छोटा हो व्यक्ति का पुरूषार्थ बङा होना चाहिए वह उसमें सदैव बङप्पन बनाये रखता है
Daily Sacred pious thoughts that are inspirational bearing higher values religious hindu mythology stories hindi doha good morning sayings philosophy quotations Om tamil telugu bengali french english kannad punjabi gujarati marathi Spanish translation tool ॐ ओम वचन प्रातः शुभ विचार हिन्दू धर्म आध्यात्म कहानियाँ
शनिवार, 8 अगस्त 2015
जो पुरूषारथ ते कहूं,
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें