रविवार, 14 जून 2015

तेरो ईश्वर तूहि


तेरो ईश्वर तूहि है, और न दूसर सीव।
महत भूल कर आपनी, भयो तुच्छ तू जीव।।
भावार्थ
तेरा ईश्वर तु ही है और तेरा शिव भी तुं ही है अर्थात सत्यम शिवम सुंदर तुझमें में ही विद्यमान है फिर अविद्या के कारण अपने महत्व को भूलकर तू  अपने को तुच्छ जीव मानने लगा है


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