शुक्रवार, 17 जुलाई 2015

ईंटे

ये जो ईंटे देख रहे हो न, आज इनका कोई मज़हब नहीं है...

पर कल जब मंदिरों में लगेंगी तो हिन्दू हो जाएंगी,
और मस्जिदों में लगेंगी तो मुसलमां...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें