मंगलवार, 21 जुलाई 2015

मेरी तकदीर

किसी पिता ने खुब कहा है

        मुझे  इतनी "फुर्सत" कहाँ कि मैँ तकदीर का लिखा देखुँ., बस अपनी बेटी की "मुस्कुराहट" देखकर समझ जाता हुँ  की "मेरी तकदीर" बुलँद है।

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