रविवार, 26 अप्रैल 2015

आप न काहू काम के


आप न काहू काम के, डार पात फल फूल।
औरन को रोकत फिरै, रहिमन पेङ बबूल।।
भावार्थ
रहीम कहते हैं कि जगत में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो न तो स्वयं कुछ करते हैं और न दुसरों को कर्म करने देते हैं वे उस बबूल के वृक्ष के समान है जिसके न तो पत्ते काम के न फूल व डाल किसी काम आते हैं उल्टे उनके काँटे दूसरों के कार्य में भी बाधा उत्पन्न करने का काम करते हैं

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें