सीप गयो मुक्ता भयो, कदली भयो कपूर।
अहि फन गयो तो विष भयो, संगति को फल सूर।।
भावार्थ
सूरदास संगती के प्रभाव को लक्ष्य कर कहते है हम जैसी संगती में बैढते है उसका प्रभाव हमारे संस्कारों पर अवश्यंभावी है जैसे स्वाती की बूंदे सीप के सम्पर्क से मोती कदली से कपूर तो विषधर के साथ से जहर बन जाती है
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सोमवार, 13 अप्रैल 2015
सीप गयो मुक्ता भयो
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namaskar
जवाब देंहटाएंye doha kaun se sant ka likha hua hei?