"नाम" और "बदनाम" में क्या फर्क है ?
"नाम" खुद कमाना पड़ता है , और "बदनामी" लोग आपको कमा के देते हैं!
दूसरों को नसीहत देना तथा आलोचना करना सबसे आसान काम है। सबसे मुश्किल काम है चुप रहना और आलोचना सुनना...
यह आवश्यक नहीं कि हर लड़ाई जीती ही जाए। आवश्यक तो यह है कि हर हार से कुछ सीखा जाए..
खूब करती है, वो मेरे ज़ख्म का इलाज
कुरेद कर देख लेती है रोज , और कहती है अभी वक्त लगेगा
दुनिया का सबसे कठिन शब्द
" वाह "....
जब आप किसी के लिए इन्हे बोलते है तब आप अपने अहंकार को तोड़ते है !!
अगर चाहते हो कि खुदा मिले,
तो वो करो जिससे दुआ मिले...
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है..
पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है..
अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे
या तो "दूर" से देख रहे हो
या अपने "गुरुर" से देख रहे हो !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें