सोमवार, 18 मई 2015

"रूल" तोड़ना मना है..


"हर् स्कूल में लिखा होता है"- "असूल" तोड़ना मना है,
हर बाग में लिखा होता है- "फूल" तोड़ना मना है,
हर खेल मैं लिखा होता है- "रूल" तोड़ना मना है..।

काश...

"रिश्ते, परिवार, दोस्ती मैं भी लिखा
होता कि..किसी का "दिल" ❤❤
तोड़ना मना है..।

बड़े अनमोल हे ये खून के रिश्ते
इनको तू बेकार न कर ,

मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर….!!

रिश्ते कभी भी "कुदरती" मौत नहीं मरते.!
इनको हमेशा "इंसान" ही क़त्ल
करता है.!
"नफ़रत" से,"नजरअंदाजी" से, तो कभी...."गलतफ़हमी" से..!!

सीखा है मैने ज़िन्दगी से एकतुजुर्बा..!
जिम्मेदारी इंसान को वक्त से पहले बड़ा बना देती है..!!

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