शनिवार, 28 मार्च 2015

जैसी जाकी बुध्दि


जैसी जाकी बुध्दि है, तैसी कहै बनाय।
ताको बुरो न मानिए, लेन कहाँ सो जाय।।
भावार्थ
रहीम कहते हैं कि जैसी जिसकी बुध्दि होती है वह वैसी बात
करता है अर्थात सज्जन लोग सभी को शीतलता दे ऐसी करते हैं तो कुटील पुरूष की बोली कुटीलता लिये होती है हमें ऐसे व्यक्तियों का बुरा नहीं मानना
चाहिये क्योकिं सद् वचन तो ह्रदय से प्रस्फुटित होते है उन्हें
लेने कहीं जाना थोङे ही पङता है                                               

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