मंगलवार, 10 मार्च 2015

मुस्कुराओ

मुस्कुराओ....

क्योंकि यह मनुष्य होने की पहली शर्त है। एक पशु कभी भी नहीं मुस्कुरा सकता।

मुस्कुराओ.....

क्योंकि मुस्कान ही आपके चहरे का वास्तविक श्रंगार है।  मुस्कान आपको किसी बहुमूल्य आभूषण के अभाव में भी सुन्दर दिखाएगी।

मुस्कुराओ.....

क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है।

मुस्कुराओ.....

क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।

मुस्कुराओ.....

क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते हैं।

मुस्कुराओ.....

क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है।

मुस्कुराओ.....

कहीं आपको देखकर कोई किसी गलत फहमी में न पड़ जाए क्योंकि मुस्कराना जिन्दा होने की पहली शर्त भी है।

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